पूर्व मुख्यमंत्री ने झालावड के पिप्लादि गांव में स्कूल हादसे के परिजनों से मुलाकात की

झालावाड़।पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे बाल मृतकों के परिजनों से मिलकर भावुक हो गई और भरी आँखों से बोली मैं आप लोगों का दर्द महसूस कर सकती हूँ,क्योकि मैं भी एक माँ हूँ।मैं समझ सकती हूँ कि एक माँ अपनी संतान को कैसे पालपोस कर बड़ा करती है।उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा दर्द है,जिसकी कोई सीमा नहीं है।माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के सपने देखते हैं कि मेरा बच्चा बड़ा हो कर ये बनेगा-वो बनेगा।यह हादसा उन सपनों का अंत है।जो माता-पिता और उन बच्चों ने देखे थे। झालावाड़ जिले के पीपलोदी स्थित सरकारी स्कूल में 7 बच्चों की मौत से आहत परिवारों को सांत्वना देते हुए पीपलोदी व चाँदपुरा भीलान में उन्होंने भरे मन से कहा कि यह ऐसी घटना है जिसने मुझे अंदर तक हिला दिया।भाई-बहन कान्हा और मीना की असामयिक मौत से आहत परिवार की चीखें सुनकर श्रीमती राजे अपने आंसू नहीं रोक पाई।इस परिवार में दो बच्चे थे,दोनों इस हादसे में चल बसे।परिजनों ने कहा घर के चिराग ही बुझ गए।अब हम जी कर क्या करेंगे ? यह सुन पूर्व सीएम ने कहा-दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।उनके साथ सांसद दुष्यंत सिंह,विधायक गोविन्द रानीपुरिया,कलेक्टर अजय सिंह राठौड़,एसपी अमित कुमार,जिला अध्यक्ष हर्षवर्धन शर्मा व आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन श्याम सुंदर शर्मा मौजूद थे। पूर्व सीएम ने जिले के प्रभारी रवि जैन को निर्देश भी दिए कि मृतक के परिजनों को किसी भी सरकारी योजना में पक्के आवास बनवायें।इसके बाद वे मनोहर थाना पहुची,जहाँ राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में अपना इलाज करवा रहे घायलों से मिली।चिकित्सकों को उनके इलाज में जरा भी कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए।

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