झालावाड़ राज्य आज से ठीक 90 वर्ष पूर्व विजयादशमी के दिन ही हुआ था छावनी झालरापाटन (वर्तमान झालावाड़)का बृजनगर नामकरण ----------------- वर्तमान झालावाड़ शहर कभी उमेदपुरा की छावनी , झालरापाटन-छावनी, बृज नगर

8 अप्रैल 1838 को कोटा में महाराव राम सिंह राज राणा मदन सिंह एवं अंग्रेजों की ओर से J.Ludlow पोलिटिकल एजेंट तथा N.Alvis तत्कालीन गवर्नर जनरल के एजेंट के बीच संधि हुई जिससे कोटा रियासत से अलग होकर झालावाड़ रियासत वजूद में आई जिसकी राजधानी झालरापाटन रही। वर्तमान में जहां झालावाड़ बसा है तब इस भूभाग को धनवाड़ा की छावनी , उमेदपुरा की छावनी के नाम से जाना जाता था. कोटा राज्य से अलग होने पर यहां सर्वप्रथम राज्य कार्य झालरापाटन से ही किया जाता था.कालांतर में गढ़ भवन एवं पृथ्वी विलास एवं अन्य इमारतें बनने पर राज्य कार्य यहां से किया जाने लगा. इस प्रकार झालरापाटन को झालरापाटन शहर (सिटी)तथा वर्तमान झालावाड़ को झालरापाटन -छावनी कहा जाने लगा. राजकीय कार्यों में सिर्फ झालरापाटन ही प्रयोग में लाया जाता था. तब पोस्ट ऑफिस द्वारा भी झालरापाटन की मोहर ही पत्रों एवं टेलीग्राम इत्यादि पर अंकित की जाती थी। (देखें चित्र क्रमांक 5 एवं 6) 6 अक्टूबर 1935 तक झालरापाटन का ही प्रयोग किया जाता था। विजयादशमी संवत 1991 तदनुसार 7 अक्टूबर 1935 को झालरापाटन छावनी से नाम बदलकर महाराज राणा राजेंद्र सिंह जी ने अपनी माता महारानी बृज कुंवर के नाम से बृज नगर रख दिया । इसकी घोषणा का एक प्रस्तर स्तंभ (Obelisk) वर्तमान अस्पताल चौराहे पर लगाया गया।इस स्तंभ पर शहर की ओर वाले भाग पर अंग्रेजी ,पृथ्वी विलास की ओर गुजराती , अस्पताल की ओर हिंदी तथा मामा भानेज चौराहे की दिशा में उर्दू में बृजनगर लिखा गया है। चतुष्कोणीय स्तंभ के आधार पर चार फलक है इसके शहर की ओर वाले फलक पर लिखा है: "Erected to commeorate renaming of Jhalrapatan- Chhavni as Brij Nagar in revered memory of his mother her Highness Maharani sahiba Brij Kunwar ba Sahiba by H.H. Maharaj Rana Shri Rajendra Singh Ji Bahadur of jhalawar." वीरेंद्र भवन की और वाले फलक पर: "The new name was officially announced by his Highness on the auspicious day of Vijaya dashmi St. 1991 . 7th October 1935 AD." इस प्रकार 7 अक्टूबर 1935 से झालरापाटन के स्थान पर बृज नगर का इस्तेमाल किए जाने लगा. राज्य कार्य हेतु लेटर हेड भी बदल दिए गए उस पर झालरापाटन के स्थान पर बृज नगर लिखा गया। (देखें चित्र नंबर ) पोस्ट ऑफिस ने भी अपनी मोहर झालरापाटन के स्थान पर बृजनगर लगाना आरंभ कर दिया।(चित्र क्रमांक 8) आम जनों यथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों इत्यादि ने भी बृजनगर का ही प्रयोग किया। (देखें चित्र नंबर 9 एवं 10) आजादी के पश्चात 1948 में झालावाड़ जिला घोषित किया और उसका मुख्यालय झालावाड़ किया गया तब से यह शहर झालावाड़ के नाम से जाना गया। District gazetteer jhalawar (B.N. Dhoundiyal 1964 )Page 3 पर उल्लेखित है "Jhalawar -Formerly called Brij Nagar till 1941" जो कि सही नहीं है कारण कि1947- 48 से पहले तक के ब्रृज नगर नाम के साक्ष्य उपलब्ध है। 1948 में झालावाड़ राज्य के भारत संघ में विलय होने के साथ ही बृजनगर को झालावाड़ के नाम से जाना गया।

Comments

Popular posts from this blog

वसुन्धरा राजे ने उत्तर भारत के तीसरे बड़े रनवे वाले झालावाड़ एयरपोर्ट सें भरी पहली उड़ान

वीवो डीलर मीट सम्पन्न उत्कृष्ट उपलब्धि देने वाले डीलर्स हुए सम्मानित

औषधि नियंत्रण अधिकारी डॉ केले ज़िले स्तर पर संम्मानित होने वाले कोटा संभाग के पहले औषधि अधिकारी