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Showing posts from October, 2024

पक्षी आश्रय स्थल का निर्माण प्रगति पर

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झालरापाटन श्री दिगंबर जैन समाज झालरापाटन के तत्वाधान में *कल्पतरु पार्श्वनाथ प्रणेता आचार्य 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज* की प्रेरणा से चौपाटी के पास भूमि पर पक्षी आश्रय स्थल का निर्माण प्रगति पर है। *नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा मनीष चांदवाड़* ने बताया कि जीव दया की भावना के तहत पक्षी आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा रहा है। पक्षियों के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। ये हमें भोजन, औषधि, उर्वरक और मधुर गीत प्रदान करते हैं। इसके साथ-साथ मनोरंजन के विभिन्न स्थानों में इनका उपयोग किया जाता है। *52 फीट ऊंचा होगा पक्षी आश्रय घर* समाज के *वरिष्ठ सदस्य विमल पटौदी* ने बताया कि पक्षी आश्रय स्थल की ऊंचाई 52 फीट होगी तथा यह एक उच्च तकनीक से निर्माण कराया जा रहा है जिसमें 2500 से अधिक पक्षी दाना पानी लेकर भीषण गर्मी में भी विश्राम कर सकेंगे। जिसमें विभिन्न प्रकार के पक्षियों के लिए अलग-अलग विश्राम की व्यवस्था हो सकेगी। अहमदाबाद के कारीगर कर रहे विश्राम घर को तैयार समाज के *प्रवक्ता एवं व्यापार संघ अध्यक्ष यशोवर्धन बाकलीवाल* ने बताया कि यह पक्षी आश्रय स्थल जीव दया की भावना से प्रेरित होकर नगर पालिका की भ...

इंटेक द्वारा विश्व खाद्य दिवस एवं मिलेट महोत्सव का आयोजन

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इंटेक झालावाड़ अध्याय एवं संकल्प अकादमी द्वारा अंतरराष्ट्रीय विश्व खाद्य दिवस एवं मिलेट (श्री अन्न)महोत्सव आयोजित किया गया. विश्व खाद्य संगठन के मुख्य विषय "बेहतर जीवन एवं भविष्य हेतू भोजन के अधिकार" की महत्ता पर चर्चा करते हुए संकल्प अकादमी के निदेशक उदयभान सिंह ने विद्यार्थियों एवं स्कूल के शिक्षकों को आगाह किया की भोजन द्वारा सुस्वास्थ्य आज की महती आवश्यकता है. समावेशी विकास हेतु स्वास्थ्य एवं सुरुचि पूर्ण भोजन की पहुंच समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना आवश्यक है. इंटेक के संयोजक राज्यपाल शर्मा ने पुरातन एवं पारंपरिक भोजन के प्रचार प्रसार की आवश्यकता बताते हुए कहा कि पोषक एवं परंपरागत भोजन व्यवस्था द्वारा स्वस्थ समाज का निर्माण विद्यार्थी जीवन से ही आरंभ होता है. इस अवसर पर डॉक्टर मधुसूदन आचार्य पूर्व डीन हॉर्टिकल्चर एवं फॉरेस्ट्री कॉलेज द्वारा श्री अन्न (मोटे अनाज) के पौषक तत्व एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रकाश डाला. पांच पॉजिटिव मोटे अनाज कोदो ,कुटकी, सांवा, कंगनी एवं हरि कंगनी हमारे देश की प्राचीन खाद्य विरासत है जिन्हें पुनः जनसाधारण की भोजन प्रणाली में प्रतिष्ठित किया जा...