विश्व विरासत सप्ताह *यह वह पवित्र भूमी है जहाँ स्वंय गुरू रामानंद जी गागरोन के राजा प्रतापराव को आर्शीवाद देने पधारें थे - राज्यपाल शर्मा*

यह वह पवित्र भूमी है जहाँ स्वंय गुरू रामानंद जी गागरोन के राजा प्रताप राव को आर्शीवाद देने पधारें यह बात आज विश्व विरासत सप्ताह के दौरान हमारी विरासतो को जानने की यात्रा के दौरान इंटेक झालावाड़ अध्याय के संयोजक श्री राज्यपाल शर्मा ने संकल्प सैनिक स्कूल के 40 यात्रियों को कही। यात्रा का प्रथम पड़ाव में पीपाजी पेरोनोमा पहुँचे विद्यार्थी। संत पीपाजी की शिक्षाओं और राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के इस अनूठे प्रयास को विद्यार्थी चित्रों और मूर्तियों के माध्यम से देख रोमांचित हो उठे। विद्यार्थियों के लिए यह सीखने की बात थी कि यहाँ संत पीपाजी के भक्ति मार्ग और समाज सुधारक दृष्टिकोण को आनुधिक कला और पारंपरिक स्थपत्य शैली के मेल के साथ प्रस्तुत किया गया है।इंटैक के डॉ. मुधसुधन आचार्य ने संत पीपाजी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब के पृष्ठ 695 पर संत पीपाजी के विचार शामिल है इसमें उनके भक्ति मार्ग और आत्मज्ञान को लेकर गहरी दृष्टि व्यक्त की गई है। उनका मुख्य संदेश है कि मनुष्य के भीतर ही प्रभु का साक्षात्कार संभव है। पीपाजी की यह वाणी विश्व भर ...